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तीर्थ स्थल बद्रीनाथ चार धाम
देहरादून।"Dehradun. दुनिया में हिंदुओं के तीर्थ भगवान विष्णु के बैकुंठ धाम बद्रीनाथ मंदिर के ग्रीष्मकाल के दौरान कपाट खोले जाने की तिथि की घोषणा 9मई को कर दी गयी है।">Bcunt Hindu pilgrimage in the world of Lord Vishnu Badrinath Dham temple gate open during the summer to date has been announced on May 9. कपाट खोलने की तिथि के घोषणा के साथ ही मंगलवार से बद्रीनाथ की पूजा की प्रक्रिया शुरू हो गई।">Valve with the opening date announced Tuesday Badrinath has begun the process of worship.
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अनुसूयाप्रसाद भट्ट ने बताया कि मंदिर नौ मई को प्रात:साढे पांच बजे खोले जाएंगे।">Badrinath - Kedarnath temple committee chairman, said the temple nine Anusuyhaprasad Bhatt May morning Asade will be opened at five. टिहरी के राजदरबारके पुरोहितों, मंदिर समिति के सदस्यों और अन्य लोगों की उपस्थिति में बसंत पंचमी के दिन बद्रीनाथ के कपाट खोलने की तिथि तय की गई।">Tehri Taderbarke priests, the temple committee members and others in attendance the day of Basant Panchami Badrinath valve opening date has been fixed. उन्होंने बताया कि ग्रीष्मकाल में भगवान की पूजा के दौरान परंपरागत ढंग से उनके विग्रह पर तिल का तेल लगाने और अखंड दीपक जलाने के लिए तेल पेरकरउसे रखने वाले बर्तन गाडू घडी को भी आज राजदरबारको सौंप दिया गया।">He said the worship of God during the summer traditionally put their war on the sesame oil and unbroken lamps to burn oil to pot Parkaruse Gadu Taderbarko today handed over to watch.
भट्ट ने बताया कि उत्तराखंडके चमोली जिले के मुख्यालय गोपेश्वरसे करीब 90किलोमीटर दूर दस हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित बद्री विशाल मंदिर में पूजा की प्रक्रिया आज से ही शुरू कर दी गई है।">Bhatt said Uttarakndece Gopeshwarse headquarters of Chamoli district about 90 kilometers altitude of ten thousand feet Badri huge temple worship process has been started from today. भट्ट ने बताया कि परंपरा और आस्था के अनुसार भगवान के विग्रह पर पूरे छह महीने तक जिस तिल के तेल को लगाया जाता है और उसका अखंड दीपक जलाया जाता है, उसे तैयार करने के लिए उत्तराखंडके ही पूर्व टिहरी राज्य के राजघराने की महिलाएं बडी ही पवित्रता">Bhatt said, according to tradition and faith of God throughout the war six months to put the sesame oil and its monolithic lamp is lit, the former Tehri Uttarakndece him to prepare the state's royal women of great purity से राजमहल के अंदर बने कोल्हू से तिल का तेल निकालती हैं और उसे पूरे विधि विधान के साथ बद्रीनाथ को रवाना किया जाता है।">Inside the palace became the crusher and it removes the sesame oil with the method of legislation is left to Badrinath. उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ के गर्भगृह में मुख्य पुजारी रावलजी के मदद के लिए सहायक पुजारी डिमरी के गांव डिम्मरसे उस बर्तन गाडू घडीको बडी ही पवित्रता से लाया जाता है और इसी में तिल पेरकरनिकाले गए तेल को रखा जाता है।">He said the chief priest of Badrinath in the sanctum sanctorum Raoalji assistant priest to help the village of Dimri Dimmrase Gadu Hdiko that big pot brought the clean and the oil is placed in the same mole Parkrnikala.
भट्ट ने बताया कि आज से ही रानियों द्वारा तेल पेरनेका काम शुरू कर दिया जाएगा और उस गाडू घडीको आगामी 27अप्रैल को टिहरी से बद्रीनाथ के लिए पूरे समारोह के साथ रवाना किया जाएगा।">Bhatt said today that the queens will be launched by the oil Parneka work and that the Tehri Badrinath Gadu Hdiko next April 27 will be left with the entire event.